02/09/19 का दिन
02/09/19 सोमवार के दिन कॉलेज जाना था पर जा ही नहीं पाई क्योंकि जो कार्य पापा ने रविवार को करने के लिए कहा था उसके लिये समय ही नहीँ मिला।
मैं रविवार को अपनी ड्रेस सीलने लग गई।ड्रेस भी इसीलिए सिली क्योंकि मेरे पास कम रह गई ।मेरी ड्रेस मेरी बहन ने ले ली इसीलिए मैंने और ड्रेस सिली।
ड्रेस सीलने के चक्कर में पापा जी का दिया कार्य ही भूल गई।जब पापा शाम कोघर आए तब पापा ने याद दिलाया ।फिर पापा को कहा कि मैं कल आपका दिया हुआ कार्य पक्का कर दूंगी।
अगले दिन फटाफट घर का काम खत्म करके पापा का दिया हुआ कार्य करने लगी। फिर उस कार्य को खत्म करके मम्मी ने अपना काम मेरे को दे दिया।फिर मैंने वो काम खत्म करके अपनी ड्रेस की सिलाई पूरी की ।फिर मेरी ड्रेस पूरी हो गई और मैंने घर के सारे काम पूरे कर दिए।
सारे काम करके मैं बहुत खुशी महसूस कर रही थी फिर अचानक ही मुझे मेरे गुम हुए फोन की याद आ गई।जिसे याद करके बहुत ही उदास हुंआ कयोंकि अपनी वस्तु गुम होने का दुःख सबको होता है।
मैं रविवार को अपनी ड्रेस सीलने लग गई।ड्रेस भी इसीलिए सिली क्योंकि मेरे पास कम रह गई ।मेरी ड्रेस मेरी बहन ने ले ली इसीलिए मैंने और ड्रेस सिली।
ड्रेस सीलने के चक्कर में पापा जी का दिया कार्य ही भूल गई।जब पापा शाम कोघर आए तब पापा ने याद दिलाया ।फिर पापा को कहा कि मैं कल आपका दिया हुआ कार्य पक्का कर दूंगी।
अगले दिन फटाफट घर का काम खत्म करके पापा का दिया हुआ कार्य करने लगी। फिर उस कार्य को खत्म करके मम्मी ने अपना काम मेरे को दे दिया।फिर मैंने वो काम खत्म करके अपनी ड्रेस की सिलाई पूरी की ।फिर मेरी ड्रेस पूरी हो गई और मैंने घर के सारे काम पूरे कर दिए।
सारे काम करके मैं बहुत खुशी महसूस कर रही थी फिर अचानक ही मुझे मेरे गुम हुए फोन की याद आ गई।जिसे याद करके बहुत ही उदास हुंआ कयोंकि अपनी वस्तु गुम होने का दुःख सबको होता है।
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