पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र के सामान्य ज्ञान (भाग-1)

                          आहार श्रृंखला

  • ✔आहार श्रृंखला:- समुदाय में सजीवों का वह अनुक्रम जिसमें एक जीव ऊर्जा स्थानांतरित करने के लिए दूसरे जीव को उपभोग करता है,उसे आहार श्रृंखला कहते हैं ।

✔सभी आहार श्रृंखलाएं पौधों से प्रारंभ होती है।
✔ आहारश्रृंखला में ऊर्जा एक दिशा में होती है ।
✔कोई भी आहार श्रृंखला चार या पांच तक सीमित होती है ।
✔खाद्य जाल:- किसी पारिस्थितिक तंत्र में विभिन्नआहार श्रंखलाओं का अंतर संयोजन खाद्य जाल कहलाता है। खाद्य जाल पारिस्थितिक तंत्र को स्थायित्व बनाए रखता है ।
✔पौधा (प्रथम पोषण स्तर)शाकाहारी( द्वितीय पोषण स्तर) सर्वाहारी(तृतीयक पोषण स्तर)
 ✔कोई भी जीव ऊर्जा का 90 % खर्च करता है।
 ✔आहार श्रृंखला में ऊर्जा सूर्य से आती है ।
✔पारिस्थितिक तंत्र में पदार्थों का प्रवाह चक्रीय होता है और ऊर्जा का प्रवाह एक दिशएं होता है।
 ✔जैव आवर्धन :-प्रत्येक पोषी स्तर पर जीवों के शरीर में  हानिकारक रासायनिक पदार्थ जैसे कीटनाशकों के सांद्रण में वृद्धि होना ।
✔ओजोन परत:- पृथ्वी से 15km से35km ओजोन परत होती है। इसमें तीन ऑक्सीजन होती है ।यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरण को रोकती है। पराबैंगनी किरण त्वचा का रोग,  कैंसर और मोतियाबिंद हो जाता है।
✔ओजोन परत का क्षय क्लोरो फ्लोरो नामक पदार्थ से हो रहा है। मिथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफॉर्म ।
✔क्लोरो फ्लोरो का उपयोग फ्रिज,ए. सी., अग्निशामको में किया जाता है।
✔पौधा घर प्रभाव:- CO2-60%,CH4-20%,N2O-14%,आर्गन और अन्य-6%.
 ✔वार्मिंग:-तापमान का बढ़ना।
✔अम्लीय वर्षा:- SO3,SO2,NO2 ये अम्लीय वर्षा करती है। जैसे-ताजमहल।

Comments

Popular posts from this blog

Viva of Data Model.

Explain The Keyboard Keys

Explain the Numeric Keypad, Home Keys, Guide Keys